LITTLE KNOWN FACTS ABOUT MAHA KALI SIDDHA KAVACH.

Little Known Facts About maha kali siddha kavach.

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काली दशाक्षरी विद्या स्वाहान्ता चोरुयुग्मकम् ॥

हे रावण! मैंने इस दिव्य कवच को तुम्हारे समक्ष कहा है। जो भी इस कवच का पाठ भक्ति पूर्वक नित्य करेगा, उसके शत्रुओं का नाश होगा। उसके शत्रु रोग से पीड़ित होंगे तथा धन पुत्रादि सुखों से वह हीन हो जायेंगे। इसको एक हजार बार पढ़ने से सिद्धि हो जाती है। सिद्ध हो जाने पर मारणं प्रयोग में सफलता मिलती है।

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ब्राह्मी शैवी वैष्णवी च वाराही. नारसिंहिका । ४ ।

इस साधना को आरम्भ करने से पूर्व एक साधक को चाहिए कि वह मां भगवती काली की उपासना अथवा अन्य किसी भी देवी या देवता की उपासना निष्काम भाव से करे। उपासना का तात्पर्य सेवा से होता है। उपासना के तीन भेद कहे गये हैं:- कायिक अर्थात् शरीर से get more info , वाचिक अर्थात् वाणी से और मानसिक- अर्थात् मन से। जब हम कायिक का अनुशरण करते हैं तो उसमें पाद्य, अर्घ्य, स्नान, धूप, दीप, नैवेद्य आदि पंचोपचार पूजन अपने देवी देवता का किया जाता है। जब हम वाचिक का प्रयोग करते हैं तो अपने देवी देवता से सम्बन्धित स्तोत्र पाठ आदि किया जाता है अर्थात् अपने मुंह से उसकी कीर्ति का बखान करते हैं। और जब मानसिक क्रिया का अनुसरण करते हैं तो सम्बन्धित देवता का ध्यान और जप आदि किया जाता है।

कई बार हम किसी विशेष कार्य को असामान्य जानकर उसे विशेष सावधानी से और अत्यंत गंभीर होकर करते हैं, यद्यपि उस विशेष कार्य के प्रति हमारी यह गंभीरता सही होती है पर माँ की आराधना के वक्त गंभीरता के साथ-साथ माँ के प्रति प्रेम, विश्वास और उनकी उपासना करने का उत्साह संमिलित होना चाहिए ।

She's regarded as a ferocious sort of Durga/Parvati, who is the consort of Lord Shiva. Kali Ma is simultaneously portrayed because the giver, the a single who bestows moksha or liberation and destructor, principally of evil forces.

It lasts a life time and there's no need to have to exchange or "recharge" it. It can not develop into defiled. It may be worn all the time.

शत्रूरूच्चाटनं याति देशाद वा विच्यतो भवेत् ।

रहस्यं श्रृणु वक्ष्यामि भैरवि प्राण वल्लभे ।



वैरिणः प्रलयं यान्ति व्याधिताशय भवन्ति हि, धनहीनः पुत्रहीनः शत्रुदस्तय सर्वदा । ८ ।

ॐ ह्रीं त्रिलोचने स्वाहा नासिकां मे सदाऽवतु ।

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